एक टीम में जितनी जिम्मेदारी एक।कप्तान की होती है उतनी ही जिम्मेदारी एक उपकप्तान की होती है जहां अगर किसी कारण से कप्तान को बाहर जाना पड़ता है तो सारी जिम्मेदारी उपकप्तान पर ही आ जाती है और उन्हें पूरे मैच।को चलाना होता है वही कड़े फैसले भी लेने पड़ते है।
उन्हें हमेशा गेम को सही रूप से देखना होता है क्यूँकि उनकी जरूरत कभी भी पड़ सकती है। ज्यादातर उपकप्तान उन्हें ही बनाया जाता है जिन्हें मैनेजमेंट आगे जाकर कप्तान बनता है देख रही है लेकिन इस आर्टिकल में ऐसे तीन खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जो उपकप्तान तो बने लेकिन एक भी मुकाबले में भारत की कप्तानी नही कर पाए।
1.युवराज सिंह
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जो भारत ने पहला टी20 विश्वकप जीता था तब उस वक़्त युवराज सिंह टीम के उपकप्तान थे और उन्होंने धोनी की काफी मदद की थी जब सभी अनुभवी खिलाड़ियों ने उस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से मना कर दिया था।
वही युवराज सिंह ने बाद में इस बात की भी जानकारी दी थी कि उन्हें ऐसा लग रहा था कि उन्हें टीम का कप्तान बनाया जाएगा और वो ही टीम का उस टूर्नामेंट में नेतृत्व करते लेकिन बीसीडीआई ने कोई और ही निर्णय लिया और उनका ये निर्णय सही भी साबित हुआ।
2.रविन्द्र जडेजा
इस लिस्ट में दूसरा नाम रवींद्र जडेजा का है जिन्हें इसी साल हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ ओडीआई सीरीज में शिखर धवन की मदद करने के लिए उपकप्तान बनाया गया था लेकिन वो चोट के कारण सीरीज से बाहर हो गए थे और उन्होंने अभी तक भारतीय टीम की कप्तानी भी नही की थी।
3.श्रेयस अय्यर
श्रेयस अय्यर इस वक़्त कमाल के फॉर्म में है वही वो लीडरशिप स्किल भी रखते है जिस कारण साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में वो उपकप्तान रहे थे लेकिन अभी तक उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी नही की है। हालांकि उम्मीद है कि उन्हें आगे भारत के लिए कप्तान बनने का भी अवसर प्राप्त होगा।