2019 में हुआ एकदिवसीय आईसीसी विश्व कप टूर्नामेंट भारत के क्रिकेट फैंस कभी गलती से भी याद नहीं करना चाहते हैं क्योंकि इसकी यादें सिर्फ फैन्स को दर्द और दुःख देने का ही काम करती हैं। इस टूर्नामेंट में भारत ने बेहतरीन शुरुआत की थी और लीग मैचों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।
लेकिन बाद में जा कर सेमीफाइनल के दौरान जब भारतीय टीम न्यूजीलैंड की टीम से भिड़ी तो वह मैच भारत का उस विश्व कप में आखिरी मैच साबित हुआ। हाल ही में पूर्व भारतीय क्रिकेट दिग्गज और 2011 विश्व कप में अहम रोल निभाने वाले युवराज सिंह ने भारत की हार के प्रमुख कारणों का जिक्र किया है।
युवराज सिंह ने बताया कि भारत का मध्य क्रम ही भारत के विश्व कप से बाहर होने का मुख्य कारण बना था। युवराज ने आगे विजय शंकर और ऋषभ पन्त का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों के पास पर्याप्त अनुभव नहीं मौजूद था और यह दोनों ही बल्लेबाज काफी कम एकदिवसीय मैच खेल कर आए थे।
युवराज ने 2011 विश्व कप को याद करते हुए कहा कि उस साल हमारा मध्य क्रम बेहद ही मजबूत था और हर बल्लेबाज का अपना अपना निर्धारित स्थान था तभी भारतीय टीम उस साल विश्व कप जीत कर 28 साल बाद इतिहास रचने में सफल हो सकी।
इसके अलावा युवराज सिंह ने 2003 विश्व कप का भी जिक्र किया जहां भारतीय टीम फाइनल तक गयी थी। उन्होंने कहा कि 2003 में हुए विश्व कप में भी मोहम्मद कैफ, मोंगिया और युवराज खुद भारत का मध्य क्रम संभाले हुए थे और यह सभी खिलाड़ी कम से कम 50 एकदिवसीय मैच खेल कर आये थे और उनके पास पर्याप्त अनुभव था जिसकी वजह से वो टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर पाने में सफल रहे थे।
