सफलता, मंजिल, सपने यह सारे शब्द बड़े साधारण से लगते हैं लेकिन बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं जो इन शब्दों के पीछे के असल अर्थ को समझते हैं। उन्हें ऐसे ऐसे त्याग करने पड़ते हैं अपने जीवन में जिसके बारे में कई लोग सोच भी नहीं सकते, कुछ ऐसी ही संघर्ष भरी कहानी है मुम्बई इंडियन्स के कुमार कार्तिकेय की।
कुमार कार्तिकेय के कोच संजय भरद्वाज ने उनके संघर्षों और त्याग पर से पर्दा उठाते हुए यह खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे एक फैक्टरी में काम करने वाला मजदूर आज आईपीएल का उभरता हुआ सितारा बनने की ओर अग्रसर है। कार्तिकेय स्पिन गेंदबाजी करते हैं और वह इसमें काफी अच्छे भी हैं।
कुमार कार्तिकेय मुम्बई इंडियन्स में इस सीजन शामिल हुए और शनिवार को राजस्थान के खिलाफ हुए मैच में उन्होंने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत की। इस मैच के पहले मुंबई की टीम अपने पहले सभी मैच हार चुकी थी लेकिन इस मैच में उन्हें जीत मिली और कार्तिकेय ने अपनी टीम के लिए लकी चार्म का काम किया।
इस मैच में उन्होंने 4 ओवर में मात्र 19 रन दिए और 1 विकेट भी लिया। कुमार कार्तिकेय जब मात्र 15 वर्ष के थे तब अपने कोच संजय से मिले थे और उस वक़्त कोच को देने के लिए उनके पास पैसे तक नहीं थे। उनके कोच ने बताया कि जब कार्तिकेय उनकी अकैडमी में आये थे और वहां के कुक ने उन्हें खाना दिया था तब उनकी आँखों में आंसू आ गए थे।
इसकी वजह यह थी कि उन्होंने 1 साल से दोपहर का भोजन अच्छी तरह से नहीं किया था। कार्तिकेय क्रिकेट के साथ साथ अकैडमी से 80 किलोमीटर दूर एक फैक्ट्री में मजदूरी भी किया करते थे और कई वर्षों के घोर तपस्या और त्याग के बाद आज वह यहां हैं।
शनिवार को मैच जीतने के बाद उन्हें मुम्बई इंडियन्स की मालकिन नीता अंबानी का फ़ोन भी आया था और नीता ने कार्तिकेय की अच्छी गेंदबाजी और टीम की जीत के लिए बधाई भी दी। कार्तिकेय की कहानी बिल्कुल फ़िल्मी लेकिन असली है और कई युवाओं को प्रेरणा देने का काम करेगी।