टाटा आईपीएल में कल गुजरात टाइटन्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच हुए कड़ाकेदार मुकाबले के दौरान गुजरात टाइटन्स के बल्लेबाज मैथ्यू वेड जो कि 13 गेंदों में 16 रन बना कर खेल रहे थे वह छठे ओवर में ग्लेन मैक्सवेल की दूसरी गेंद पर अपना विकेट लेग बिफोर के चलते गवा बैठे।
जिस फैसले से वह बिल्कुल भी खुश नहीं थे। यहां तक कि जब डीआरएस का इस्तेमाल किया गया तब साफ़ दिख रहा था कि गेंद बैट को ज़रा सा छू चुकी है। अल्ट्रा एज में भी ग्राफ हल्कि मात्रा में ऊपर गया था। सभी को यकीन था कि इसे नॉट आउट करार दिया जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
कमेंट्री कर रहे दिग्गज खिलाड़ियों जैसे मैथ्यू हेडन और ग्रिम स्मिथ को भी यकीन था कि यह नॉट आउट करार दिया जायेगा। इस फैसले के बाद मैथ्यू वेड गुस्से से आग बबूला दिखे और बड़बड़ाते हुए पवेलियन की ओर गए। कुछ खिलाड़ियों से उनकी थोड़ी बातचीत भी हुई।
अंदर ड्रेसिंग रूम में जा कर भी उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ और उन्होंने अपनी बैट और हेलमेट को फेंक दिया। इतना सब होने के बाद उन्होंने अब अपनी गलती स्वीकार ली है कि वह खुद को पूरी तरह काबू में नहीं रख सके और यह पूरी तरह से खेल भावनाओं के खिलाफ जाता हुआ रवैय्या था।
आईपीएल के आधिकारिक घोषणा के अनुसार नियमों का ऐसा उल्लंघन कोड ऑफ़ कंडक्ट के आर्टिकल 2.5 के मुताबिक लेवल 1 ओफ़ेन्स की श्रेणी में आता है । मैथ्यू वेड ने इसे स्वीकार किया और मैच रेफरी द्वारा लगायी गयी फटकार के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
इससे पहले भी आईपीएल में अंपायरिंग पर और डीआरएस पर सवाल उठे हैं जब यह अपना कर्तव्य अच्छी तरह से निभाने में असफल रहे थे। उम्मीद है बीसीसीआई इस मामले में थोड़ा सुधार करेगी ताकि खिलाड़ियों को उचित न्याय मिल सके।
