रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में मध्य प्रदेश की टीम ने मुंबई को 6 विकेट से मात दे कर इस ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमा लिया है। मुंबई की टीम ने पहली पारी में 374 रन बनाए थे। जिसके जवाब में मध्य प्रदेश की टीम ने पहली पारी में ही 576 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था।
दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए मुम्बई की टीम ने केवल 269 रन ही बनाए। जिसके बाद मध्य प्रदेश के बल्लेबाजों ने आसानी से इस छोटे लक्ष्य का पीछा कर इस फाइनल मैच को जीत लिया।
मध्य प्रदेश की यह जीत सभी खिलाड़ियों और इस टीम के फैंस के लिए तो विशेष है ही लेकिन विशेष रूप से मध्य प्रदेश के हेड कोच चंद्रकांत पंडित के लिए यह जीत बहुत ही ज्यादा खास है।
आज से करीब 23 साल पहले 1999 में चंद्रकांत पंडित ही मध्य प्रदेश के कप्तान थे और उनके नेतृत्व में यह टीम उस साल रणजी ट्रॉफी के फाईनल में पहुँची थी लेकिन इसी चिन्नास्वामी स्टेडियम में इस टीम को फाईनल मैच में हार का सामना करना पड़ा था।
आज संयोग देखिये कि वह एक हेड कोच के रूप में मध्य प्रदेश की टीम के साथ हैं और उसी स्टेडियम में मध्य प्रदेश की टीम ने फाइनल मैच जीत कर ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमा लिया है।
इस जीत के बाद चंद्रकांत पंडित काफी भावुक हो गए और उन्होंने इस बात के लिए प्रसन्नता दिखाई कि वह इतने सालों बाद उसी जगह पर अपनी पुरानी टीम के साथ जुड़ कर रणजी ट्रॉफी को जीतने में सफल रहे।
Greatest moment in Madhya Pradesh cricket history. pic.twitter.com/2bLxSJuaU7
— Johns. (@CricCrazyJohns) June 26, 2022
शुभम शर्मा जो कि मध्य प्रदेश की टीम का हिस्सा हैं उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच घोषित किया गया जबकि मुम्बई के सरफ़राज़ खान को उनकी अद्भुत बल्लेबाजी के लिए प्लेयर ऑफ़ द सीरीज घोषित किया गया।