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अश्विन पहले थे एक मीडियम पेसर; इस वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी को मानते थे अपना रोल मॉडल

अश्विन पहले थे एक मीडियम पेसर

टेस्ट में टीम इंडिया का कद बढ़ता जा रहा हैं जहा पे टीम इंडिया को घर पे हराना असंभव सा लगता हैं और पिछले 10 सालो में किसी भी टीम ने इंडिया को घर पे सीरीज नहीं हराया हैं। इधर कुछ सालो में टीम विदेश में भी जाकर लगातार अच्छा पर्दर्शन कर रही हैं जहा उन्होंने 2 बार ऑस्ट्रेलिया में जाकर लगातर सीरीज जीती हैं और इंग्लैंड के खिलाफ भी टीम इंडिया 2-1 से लीड में थी और उन्हें 5वा टेस्ट मुकाबला खेलना हैं जो की कोरोना के कारन पोस्टपोन हो गया था।

टीम इंडिया के टेस्ट में लगातार अच्छे पर्दर्शन के बहुत से कारण हैं जहा टीम की बैटिंग में भी बहुत सुधर हुआ हैं और वो बैटिंग में काफी अच्छा पर्सर्शन करते हैं जिससे गेंदबाजों को बहुत मदद मिल जाती हैं और उनके सामने वाली टीम को ऑल आउट करने में आसानी होती हैं। टीम की बोलिंग कुछ सालो से काफी बदली हुई हैं और उनके गेंदबाजी में काफी आक्रामक दिखती हैं और टीम 5 गेंदबाजों के साथ उतरती हैं। रविन्द्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन के लगातार बैटिंग में योगदान देने से उन्हें 5 गेंदबाजों के साथ उतरने का मौका मिलता हैं।

अश्विन एक शानदार ऑफ स्पिनर हैं और श्रीलंका के खिलाफ हुए पहले मैच में उन्होंने कपिल देव को पीछे छोड़ दिया हैं जहा वो टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे जायदा टेस्ट विकेट लेने बाले गेंदबाजों की सूचि में नंबर 2 पर आ गए हैं। अश्विन के नाम अब टेस्ट में कुल 436 विकेट हैं जो अब बस अनिल कुंबले के पीछे हैं जिनके नाम 619 विकेट हैं। अश्विन लगातर अच्छा पर्दर्शन कर रहे हैं और अब तो वो बोलिंग के साथ साथ बैटिंग में भी टीम की मदद कर रहे हैं जिसके कारण अब उन्हें बोलिंग ऑल राउंडर के तौर पे भी देखा जा रहा हैं।

अश्विन ने एक इंटरव्यू में बताया की वो शुरू में वो मध्यम स्पीड के गेंदबाज़ थे और वो अगले कपिल देव बनना चाहते थे। अश्विन से बताया की वो अपने शुरुवाती दिनों में 1983 के वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव को अपना रोल मॉडल मानते थे और इसी कारण वो मीडियम पेस आल राउंडर बनना चाहते थे। कपिल देव एक महान खिलाड़ी थे जिन्होंने इंडिया में क्रिकेट को लोकप्रिय बनाया और 1983 में वर्ल्ड जीत कर सरे युवाओ के दिल में क्रिकेट के प्रति प्रेम जगा दिया।

अश्विन हालाँकि समय के साथ साथ ऑफ स्पिनीर बन गए लेकिन उन्होंने अभी भी आल राउंडर का सपना नहीं छोड़ा हैं और वो लगातर समय समय पर बैटिंग से भी अपने ओर ध्यान आकर्षित करते रहते हैं। वो अब टीम इंडिया के टेस्ट में बहुत अहम अंग हैं और टीम उनपे काफी निर्भर भी रहती हैं और खास तौर पे जब वो इंडिया में खेल रहे हो। अश्विन ने टेस्ट में शतक भी मरे हैं और उनकी बैटिंग देखने में भी मज़ा आता हैं और उन्हें बैटिंग करते हुए देखते समय कभी भी ऐसा नहीं लगता की वो एक बॉलर हैं और इसके साथ साथ वो गेंदबाजी में तो कहर बरपा ही रहे हैं।

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