सौरव गांगुली भारत के सफलत और साबसे अच्छे कप्तानो मे से एक है जिन्होंने काफी लंबे समय तक टीम की कप्तानी करी थी। जिस वक़्त गांगुली को कप्तान बनाया गया था उस समय टीम की हालत कुछ ठीक नही थी और गांगुली ने एक नई टीम खड़ी करी थी।
उन्होंने युवा खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाया और वो उनके भरोसे पर खड़े भी उतरे और उन्होंने इसी तरीके से एक नई टीम खड़ी करी थी। उनके कप्तानी मे टीम ने अनेको कारनामे किए। उन्ही की कप्तानी मे भारत ने 2001 मे पहला टेस्ट हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए उस वक़्त की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-1 से सीरीज जीती थी।
उस सीरीज मे अनेको खिलाड़ियों ने सीरीज मे कमाल का प्रदर्शन किया था। उन्ही सभी मे से एक थे हरभज०न सिंह जिन्होंने उस सीरीज मे सबसे ज्यादा विकेट चटकाई थी। उन्होंने उस सीरीज मे कुल 32 विकेट चटकाई थी और उस सीरीज से पहले वो फॉर्म मे नही थे हालांकि गांगुली ने उन्हें बैक किया था और इस सीरीज से पहले उन्हें बहुत सपोर्ट किया था।
इसी चीज को लेकर जब हरभजन सिंह से पूछा गया कि क्या होता अगर गांगुली उस सिरीज़ में आपको बैक न करते, उसी पर उन्होंने जवाब दिया कि गांगुली ने मुझे उस वक़्त उन्हें बैक किया था और वो इस चीज को लेकर उनके आभारी है मगर अंतिम मे यही है किसी भी खिलाड़ी का प्रदर्शन ही उसके कैरियर को सफल बनाता है।
उन्होंने आगे बड़ा बयान दिया कि अगर वो नही खेलते तो शायद टीम फिर सीरीज हार जाती और अगर इंडिया वो सीरीज नही जीतती तो शायद गांगुली को कप्तानी छोड़नी पड़ती। उन्होंने आगे कहा कि गांगुली उनके लिए भगवान के तरह है और उन्होंने उनकी उंगली एक बच्चे की तरह पकड़ी थी।