इंडियन प्रीमियर लीग के 16वे सीजन का आयोजन 31 मार्च से होने जा रहा है। इस बार का आईपीएल सीजन कई मायनों में खास और अहम है। इसके साथ ही इस बार के आईपीएल में काफ़ी कुछ नए नियम भी शामिल किए गए है। इन्ही नियमों में से एक है “इंपैक्ट प्लेयर रूल।”
जब फैंस ने इसके बारे में सुना तो काफी हैरान हुए और सभी के मन में इससे जुड़े काफी सवाल उठने लगे की आखिर यह नियम क्या है कैसे काम करता है और इस नियम से टीमों को क्या फायदा होगा। ऐसे में आज हम इस नियम के बारे में बताकर आपको इन सवालों के जवाब देंगे।
पहली बात तो यह आपको बता दी जाए की भारत में आईपीएल से पहले सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में इस नियम का प्रयोग किया जा चुका है। इस नियम के अंदर टीमें मैच में किसी एक खिलाड़ी के स्थान पर बेंच पर बैठे अपने किसी खिलाड़ी से रिप्लेस कर मैच में मौका दे सकती है।
दरअसल टॉस के बाद टीमों के कप्तान प्लेयिंग 11 के खिलाडियों के साथ 4 सबस्टीट्यूट खिलाडियों की सूची अंपायर को देंगे। इनमे से किसी एक खिलाड़ी को टीमें या तो पहली पारी के 14वे ओवर तक या दूसरी पारी के 14वे ओवर तक मैदान में उतार सकती है। यह खिलाड़ी गेंदबाजी भी कर सकता है और बल्लेबाजी भी।
