2007 मे खेला गया प्रथम टी-20 विश्वकप का फाइनल मुक़ाबला बहुत से क्रिकेट प्रेमियों के लिये आज भी यादगार है। इस रोमांचक मुक़ाबले मे भारत ने अपने चीर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को आखरी ओवर तक के रोमांचक मुक़ाबले मे हराकर टी-20 विश्वकप का खिताब जीता था।
सीतारो से सजी भारतीय टीम के लिये गौतम गंभीर ने सबसे ज्यादा 75 रन बनाये। अन्त मे रोहित शर्मा द्वारा 16 गेंदो पर 30 रनो की पारी की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को 158 रनो का लक्ष्य दिया था। भारतीय गेंदबाज़ी ने इस मैच मे बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। भारत ने अन्तिम ओवर तक पाकिस्तान के 9 विकेट गिरा दिये थे।
लेकिन मिस्बाह उल हक एक छोर पर खडे थे और अपनी टीम को जीताने का पूरा प्रयास कर रहे थे। अन्तिम ओवर मे पाकिस्तान को जीतने के लिये सिर्फ 13 रनो की आवश्कता थी और भारत को सिर्फ 1 विकेट की। जोगिन्दर शर्मा के अन्तिम ओवर की दुसरी गेंद पर मिस्बाह उल हक ने एक सिक्स मार दिया, जिसके बाद पाकिस्तान को जीतने के लिये सिर्फ 4 गेंदो मे 6 रन चाहिये था।
उसके बाद इस ऐतिहासिक अन्तिम ओवर की तीसरी गेंद पर मिस्बाह उल हक ने सिक्स मारने के चक्कर मे स्कूप शॉट खेला और श्रीशंत के हाथो मे कैच दे बैठे। इस प्रकार भारत यह मैच जीत गयी।
इस मैच के 14 साल बाद हाल ही मे एक इंटरव्यू मे मिस्बाह उल हक ने इस मैच के अन्तिम ओवर मे खेले गये उनके द्वारा खेले स्कूप शॉट का जिक्र किया। उन्होने कहा की उस समय वह ओवरकॉन्फिडेंट हो गये थे और शॉट को सही टाईम नही कर पाये।
मिस्बाह उल हक ने कहा की “2007 मे हर मैच मे मेने स्कूप शॉट की मदद से बहुत चौके लगाये थे। मै ऑस्ट्रेलिया जेसी टीमों के सामने इस शॉट से बडी आसानी सिंगल ले रहा था। स्पिनरों के सामने फ़ाइन लेग पर शॉट मार रहा था। लेकिन फाइनल मैच मे उस शॉट को खेलते समय मे ओवरकॉन्फिडेंट हो गया था। इस कारण उस शॉट को मे सही तरह से टाईम नही कर पाया और उस शॉट को गलत खेल बैठा जिस पर मुझे पूरा भरोशा था।”
