रवि शास्त्री भारत के एक काफी सफल खिलाड़ी के साथ साथ एक काफी अच्छे कोच भी साबित हुए है जहाँ खिलाड़ी के तौर पर उन्होंने 1983 का विश्वकप जीता था वही एक कोच के तौर पर उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है उनके निगरानी में टीम इंडिया ने कई सारे कमाल के कारनामे किए है।
हालांकि उन्होंने भारत के साथ कोई बड़ी ट्रॉफी नही जीती है मगर उनका टेस्ट में प्रदर्शन काफी अच्छा था जहाँ टीम ने इस समय अंतराल में विदेशों में जाकर भी कई सारे सीरीज जीती है और टीमो को उनके घर मे जाकर ही अपना दवदबा दिखाया है। 2019 का बॉर्डर गावस्कर जीत इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है जब भारत ने एक काफी कड़े परिस्थिति में ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज हरायी थी।
रवि शास्त्री ने लेकिन 2021 के टी20 विश्वकप से ग्रुप स्टेज से ही बाहर होने के बाद टीम के कोच की कमान छोड़ दी थी और अब वो इसके बाद वापिस से कमेंट्री करने लगे है जहाँ इन्होंने अपना एक अलग नाम बना लिया था। उनकी आवाज़ सुनने के कई लोग दीवाने है और 2011 के फाइनल में उनकी कमेंट्री सभी के दिलो में आज भी वस्ती है।
वो अब इसी फील्ड में मेहनत करते हुए दिख रहे है और अब 5 साल बाद वो लगातार कमेंट्री कर रहे है और उनसे जब सवाल किया गया कि क्या वो वापिस से कोचिंग के तरफ अपना रुख करेंगे या वो हमें कमेंट्री करते हुए ही नज़र आएंगे तब उन्होंने बताया कि अब वो कोचिग के तरफ वापिस नही जा रहे है।
उन्होंने कहा कि उनका अब कोचिंग का हिसाब खत्म होगया है और उन्हें 7 साल जितना करना था उन्होंने उतना कर लिया है। उन्होंने बोला कि अगर वो अब कोचिंग से जुड़ा हुआ कुछ करेंगे तो वो नीचे किसी लेवल पर करेंगे जहाँ वो किसी को तैयार कर पाए। इसी के बाद उन्होंने कहा कि उनका एक कोच के तौर पर कैरियर खत्म होगया है और वो बाहर से ही खेल का आनंद लेंगे।