महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2007 का टी20 विश्वकप जीते हुए अब भारत को पूरे 15 साल हो गए है और 24 सितंबर 2007 में ही पाकिस्तान को फाइनल में हरा कर भारत इस पहले टी20 विश्वकप की विजेता बनी थी। ये जीत की सफर टीम इंडिया के लिए बिल्कुल भी आसान नही थी।
इस विश्वकप से पहले टीम ओडीआई विश्वकप में ग्रुप स्टेज में बांग्लादेश से हारने के बाद ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गयी थी और इसी कारण टीम की काफी आलोचना हुई थी और अपने ही देश मे फैंस ने उनका विरोध किया था वही इस विश्वकप में कई सारे अनुभवी खिलाड़ियों ने भाग लेने से माना कर दिया था।
इसी कारण युवा महेंद्र सिंह धोनी को टीम की कमान थमाई गयी थी जिसके बाद इस विश्वकप में बीसीसीआई ने एक युवा टीम भेजी थी जिसके कारण भारत इस विश्वकप को जीतने की बिल्कुल भी दावेदार नही थी लेकिन भारत ने सबको चौकाते हुए कमाल का प्रदर्शन किया और विश्वकप अपने नाम कर लिया।
धोनी ने उस विश्वकप में कुछ काफी बड़े बड़े निर्णय लिए थे और उन्ही में सबसे बड़े निर्णयों में से एक है फाइनल में जोगिंदर शर्मा को अंतिम ओवर देना वो भी तब जब जब वो काफी रन पहले से खा चुके थे और मात्र 12 रन बचाने को थे। उस वक़्त मिस्बाह उल हख स्ट्राइक पर थे जिन्होंने उस ओवर में एक छक्का भी लगाया था।
वो लफी प्रेशर में थे मगर तीसरे बॉल पर मिस्बाह ने एक शॉर्ट लगाया और श्रीसंत ने उस गेंद को लापक लिया जिसके बाद भारत ये मैच जीत गयी। अभी श्रीसंत ने ही जोगिंदर को अंतिम ओवर देने के पीछे का कारण बताया है, उन्होंने कहा कि धोनी को जोगिंदर की जीतने वाली एटीट्यूड पर पूरा भरोसा था और उनके अंदर खुद पर काफी विशवास भी था।