पिछले कुछ समय में हमें कई कप्तान भारतीय टीम का नेतृत्व करते हुए दिखे। कुछ ने अच्छा प्रदर्शन किया तो कुछ ने औसत। लेकिन आज हम केवल उन कप्तानों के ही बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में कप्तानी करने का मौका दोनों हाथों से लपका और अपने नेतृत्व में भारतीय टीम को एक भी टी20 मैच हारने नहीं दिया। आपको यह भी बताते चलें कि जब से टी20 खेल का प्रारूप शुरू हुआ है तब से अब तक भारतीय टीम ने कुल 9 टी20 कप्तान देखें हैं।
- हार्दिक पांड्या
भारतीय टीम के इस दिग्गज ऑलराउंडर में भविष्य में एक अपने देश का काबिल कप्तान बनने की सम्भावना है यह बात उन्होंने पिछली बार के आईपीएल में ही साबित कर दिया जब उन्होंने गुजरात टाइटन्स का नेतृत्व करते हुए ट्रॉफी जीती। आयरलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में हार्दिक पांड्या को भारतीय टीम की कप्तानी मिली और उन्होंने उस सीरीज की सभी मैचों को जीता। - सुरेश रैना
टीम इंडिया के इस पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज को भी टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व करने का मौका मिला है। कई सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में सुरेश रैना को 3 टी20 मैचों में कप्तान बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और उन्होंने टीम को उन सभी मैचों में जीत दिलवाई। लेकिन अफ़सोस कि बाद में ख़राब फॉर्म की वजह से उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा और फिर कभी उन्हें भारतीय टीम की कप्तानी नसीब नहीं हुई। - वीरेंद्र सहवाग
भारतीय टीम के इस पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज ने भी एक कप्तान के रूप में अपने फैंस को निराश नहीं किया। भारतीय टी20 टीम के पहले कप्तान वीरेंद्र सहवाग ही थे। 2006 में उन्होंने बस एक मैच में भारतीय टीम की कप्तानी की थी जो कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ थी। इस मैच में टीम को जीत मिली और उसके बाद महेंद्र सिंह धोनी को टी20 का कप्तान बना दिया गया।
