2014 में हुई आईसीसी टी 20 विश्व कप का फाईनल भला किसे याद नहीं होगा, भले ही अलग बात है कि कोई भारतीय फैन उस विश्व कप के फाइनल मैच को अपने दिमाग से हमेशा के लिए निकाल कर रख देना चाहता है पर यह इतना आसान होता तो बात ही कुछ और होती।
भारतीय टीम ने विपक्षी टीम श्रीलंका के लिए 130 रनों का लक्ष्य रखा था जो कि बहुत कम था और श्रीलंका ने इस लक्ष्य को आसानी से प्राप्त करते हुए विश्व कप पर अपना कब्जा जमा लिया था। इस मैच में पूर्व भारतीय दिग्गज खिलाड़ी युवराज सिंह ने 21 गेंदों में मात्र 11 रन बनाए थे।
अब जा कर युवराज सिंह ने उस पारी को याद करते हुए बताया कि उनकी इस धीमी पारी के पीछे क्या कारण था। युवराज ने कहा कि उस मैच में उनके अंदर आत्मविश्वास की भारी कमी थी और टीम प्रबंधन से उस तरह की सहायता उन्हें नहीं मिली जैसी मिलनी चाहिए थी।
युवराज ने आगे यह भी कहा कि उन्हें टीम से बाहर होने का डर भी था और इस कारण से वह अपनी बल्लेबाजी पर उतना ध्यान नहीं दे पा रहे थे जितना उन्हें देना चाहिए, युवराज के अनुसार उस वक़्त टीम प्रबंधन ने उनका साथ पूरे मन से नहीं दिया।
युवी ने बताया कि जब फाइनल में वह बल्लेबाजी करने उतरे तब उन्होंने खूब प्रयास किए रन बनाने के लेकिन वह सफल नहीं हो रहे थे, उन्होंने ऑफ़ स्पिनर को भी टारगेट करने का सोचा पर असफल रहे। जिसके बाद उन्होंने आउट हो जाने में ही अपनी और टीम की भलाई समझी लेकिन वह उसमें भी असफल रहे।
इन सब के बाद युवराज को ऐसा लग रहा था जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया लेकिन फिर उन्होंने कहा कि जिंदगी ऐसी ही होती है, आपको हर तरह की स्तिथि का सामना करना होता है और उस पर विजय हासिल करनी होती है।